सीएम का दावा कांग्रेस फैला रही झूठ

केदारनाथ उपचुनाव में प्रचार प्रसार के लिए राजनीतिक दलों के पास और केवल चार दिनों का समय बचा है और इन 4 दिनों में बीजेपी केदारनाथ के निर्माण कार्यों की उपलब्धियों को जनता के बीच रख रही है तो वहीं कांग्रेस सरकार पर केदारनाथ की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा रही है जिसमें दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओ की तरफ से बयान बाजी की जा रही है

उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट पर होने वाले उप चुनाव के लिए अब महज 6 दिनों का समय बचा है और राजनीतिक पार्टियों के पास जनता को लुभाने के लिए केवल चार दिन शेष हैं ऐसे में राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने एक दूसरे पर जुबानी जंग और तेज कर दी है चुनाव प्रचार के पहले दिन से ही कांग्रेस बीजेपी पर केदारनाथ धाम की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का आरोप बीजेपी पर लगा रही है तो वहीं भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में केदारनाथ में किए जा रहे निर्माण कार्यों का हवाला देकर कांग्रेस पर केदारनाथ धाम के नाम पर जनता के बीच भ्रम फैलाने का आरोप लग रही है…. कांग्रेस ने केदारनाथ उपचुनाव की घोषणा से पहले प्रदेश अध्यक्ष की अगुवाई में एक केदारनाथ बचाओ यात्रा भी निकाली थी हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सार्वजनिक मंच और कई बार मीडिया के सामने भी बयान दे चुके हैं कि कांग्रेस केदारनाथ धाम के नाम पर केवल भ्रम फैलाने का काम कर रही है और सरकार केदारनाथ में तेजी से विकास कर रही है….

दरअसल केदारनाथ धाम को लेकर कुछ महीने पहले एक बात सामने आई थी ,जो दिल्ली में केदारनाथ धाम बनाने को लेकर थी और इस मामले में ट्रस्ट की ओर से सफाई भी दी गई और केदारनाथ धाम का नाम भी बदल दिया गया लेकिन इस मामले को आगे रखकर कांग्रेस उपचुनाव में प्रचार कर रही है हालांकि बीजेपी कांग्रेस के हर आरोप का जवाब जनता के बीच जाकर दे रही है जिसकी कमान खुद राज्य के मुख्यमंत्री संभाले हुए हैं जो केदारनाथ धाम से जुड़े हर सवाल का जवाब फ्रंट फुट पर दे रहे हैं जिसे देखकर लगता है कि बीजेपी बद्रीनाथ उप चुनाव में मिली हार की गलती को नहीं दोहराना चाहती..केदारनाथ धाम की प्रतिष्ठा पर उठ रहे सवालों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साफ कहा दिया है कि सरकार ने प्रदेश के सभी धामों की प्रतिष्ठा को बचाने के लिए कड़ा कानून बना दिया है इसके बाद अब किसी भी धाम के नाम पर दूसरा मंदिर का निर्माण नहीं किया जा सकता.. जिसे बताने में कांग्रेस डर रही है क्योंकि कांग्रेस राज में बद्रीनाथ मंदिर का निर्माण मुंबई में हुआ था और उस समय मुख्यमंत्री के रूप में हरीश रावत थे और बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल….

चुनावों के समय राजनीतिक पार्टियों में आप को प्रत्यारोप का दौर आम है जिसमें कई बार जनता के भावनाओं से जुड़े मुद्दे पार्टियों को राजनीतिक लाभ पहुंचाते हैं और ऐसी ही तस्वीर केदारनाथ में देखने को मिल रही है क्योंकि केदारनाथ धाम का मुद्दा जन भावना के साथ-साथ वहां के लोगों की आर्थिकी भी है , और यह उपचुनाव भाजपा के लिए राज्य ही नहीं बल्कि देश में प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है क्योंकि अयोध्या लोकसभा और बद्रीनाथ विधानसभा सीट भाजपा के हाथ से निकल चुकी है , वही केदारनाथ धाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत धाम में पुनर्निर्माण के कार्य किए जा रहे है ,ऐसे में अब भाजपा को साख दांव पर लगी है ,हालांकि यह बात और है कि इन आरोपो के बीच किसकी बात जनता की समझ में आती है और किसको इसका लाभ मिलता है….