दिल्ली (संवाददाता:हिमांशु बरमोला ) सामान्य तौर पर मानसून के चार महीना को छोड़कर साल भर में होने वाली सामान्य बारिश के आंकड़ों में अंतर देखने को मिलता है लेकिन मानसून के बाद से इस नए साल 2025 में यह अंतर अभी तक कुछ ज्यादा दर्ज नहीं किया गया है, जिस कारण हिमालय राज्यों में बारिश और बर्फबारी के पैटर्न में बदलाव भी देखने को मिला है,
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के डीजी डॉ. मृत्यंजय महापात्र का कहना है की पर्वतीय क्षेत्रों में अभी तक बर्फबारी देखने को नहीं मिली है, जिसका प्रमुख कारण जनवरी महीने में मात्र 1 से 2 सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ को छोड़कर अन्य किसी भी सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ ने हिमालयी क्षेत्रों को प्रभावित नही किया है , आमतौर पर जनवरी माह में 5 से 7 पश्चिम विक्षोभ सक्रिय होते है जिस कारण ज्यादा बर्फबारी और बारिश देखने को मिलती है लेकिन इस बार हिमालय क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय न होने के कारण बर्फबारी देखने को नहीं मिली, और वर्षा के मौसम में 83% की कमी जम्मू कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड और 75% की कमी हिमाचल में देखने को मिली , वही मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्यंजय महापात्र का कहना है कि जनवरी के आखिरी हफ्ते में 25 जनवरी से लेकर 31 जनवरी के बीच एक पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने का पूर्वानुमान है जिस कारण 29 और 30 जनवरी को जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल और उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान है.. जिसका कोई भी प्रभाव मैदानी इलाकों में नहीं पड़ने वाला है, वही जनवरी माह में मैदानी इलाकों में बारिश की बात की जाए तो हरियाणा और राजस्थान में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है