द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट खोलने की प्रक्रिया वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शुरू

रुद्रप्रयाग

 

पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान मदमहेश्वर के कपाट खोलने की प्रक्रिया शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में विधिवत शुरू हो गयी है। गुरूवार सुबह भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह मूर्तियों को वेद ऋचाओं के साथ ओंकारेश्वर मन्दिर के गर्भगृह से सभा मण्डप लाया गया तथा स्थानीय श्रद्धालुओं ने भगवान मदमहेश्वर को नये अनाज का भोग अर्पित कर विश्व शान्ति व समृद्धि की कामना की। आज भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली ओकारेश्वर मन्दिर में ही रात्रि प्रवास करेगी तथा 18 मई को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से रवाना होकर रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मन्दिर रांसी पहुंचेगी तथा 19 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मन्दिर रांसी से प्रस्थान कर अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गौण्डार गाँव पहुंचेगी तथा 20 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौण्डार गाँव से प्रस्थान कर मदमहेश्वर धाम पहुंचेगी तथा और डोली के धाम पहुंचने पर भगवान मदमहेश्वर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेगें।

 

देहरादून से रीतन का रिपोर्ट