इको सेंसिटिव जोन में स्थानीय नागरिकों व प्रतिनिधियों को सम्मिलित न करने पर लोग में आक्रोश

उत्तरकाशी:

खबर सीमान्त जिला उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लॉक से है जहां ईको सेंसिटिव जोन में स्थानीय प्रतिनिधियों को सदस्य ना बनाए जाने को लेकर विधायक और ब्लॉक प्रमुख काफी आक्रोशित नजर आ रहे हैं  आपको बताते चलें कि  पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों को अधिसूचित किया गया  था राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की जनवरी 2002 में हुई बैठक में देश के सभी राष्ट्रीय उद्यान व वन्यजीव विहार के चारों ओर 10 किमी की परिधि को ईको सेंसिटिव जोन के रूप में अधिसूचित करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद उत्तराखंड में इसे लेकर कसरत शुरू हुई और कैबिनेट के अनुमोदन के बाद जुलाई 2016 में प्रदेश के सभी छह राष्ट्रीय उद्यान और सात वन्यजीव विहार के ईको सेंसिटिव जोन के प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे गए जिसमें उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लॉक को उत्तरकाशी से लेकर गंगोत्री तक 100 किलोमीटर के दायरे में  ईको सेंसिटिव जोन घोषित किया गया जिसमें 88 गांव आते हैं हालांकि, इस बीच प्रदेश में ईको सेंसिटिव जोन की मुहिम को लेकर विरोध के सुर भी तेज हुए। स्थानीय निवासियों का मानना है कि ईको सेंसिटिव जोन की बंदिशों से विकास कार्यों के साथ ही आजीविका पर भी असर पड़ेगा। मगर उसके बाद भी उत्तरकाशी से गंगोत्री तक इको सिस्टम घोषित किया गया था  जिसके कारण विकास कार्य काफी बाधित हो रहे हैं   ईको सेंसिटिव जोन के कारण यहां पर लोहारी नाग  पाला प्रोजेक्ट दो जल विद्युत परियोजनाओं को रोक दिया गया था जिसमें एनटीपीसी द्वारा 70% कम हो चुका था जिसमें कई लोगों के रोजगार को छिना गया

स्थानीय प्रतिनिधियों का कहना है कि ईको सेंसिटिव जोन में जब भटवाडी ब्लॉक आता है तो यहां के स्थानीय नागरिकों को या प्रतिनिधि को क्यों नहीं सदस्य बनाया गया भटवाड़ी ब्लॉक की प्रमुख विनीता रावत ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि इस समिति में स्थानीय प्रतिनिधियों का सदस्य होना जरूरी है ताकि यहां की समस्या रखने वाला कोई होना चाहिए इसमें बाहर के लोगों को सदस्य बनाया गया है जो यहां के बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं और गलत जानकारी देते हैं  वहीं सरकार के प्रतिनिधि गंगोत्री विधानसभा के विधायक सुरेश चौहान ने भी इसमें  कड़ी निंदा की है उन्होंने कहा कि इसमें स्थानीय प्रतिनिधियों का होना जरूरी है