देहरादून: 2013 की भीषण आपदा से गुजरने के बाद 2024 में फिर से केदारघाटी आपदा की मार झेल रही है। केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग या तो कई जगहों पर बोल्डर आने से बाधित हैं या पानी के सैलाब में बह गए। केदारनाथ धाम की यात्रा बाधित हो चुकी है , और अब केदारनाथ और पैदल यात्रा मार्ग पर फसे यात्रियों को रेसयू का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन में चिनूक जैसे हेलीकाप्टर भी लगाए गए हैं।
2013 में केदारनाथ धाम में आई भीषण आपदा को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। ठीक 10 सालों के बाद एक बार फिर से केदारघाटी पर आपदा की मार पड़ी है। हालांकि इस बार केदारनाथ धाम पूरी तरह सुरक्षित है , लेकिन केदारनाथ धाम का पैदल मार्ग काफी स्थानों पर या तो बह गया या बोल्डर आने से अवरुद्ध है। यात्रा बाधित हो गयी है। रामबाड़ा पैदल मार्ग पर दो पुल बह गए हैं तो कहीं मार्ग बह गया है। मौजूदा वक्त में केदारनाथ में एक हज़ार यात्री तो भीमबली में करीब 500 यात्री फंसे हैं जिन्हें रेस्क्यू किया जा रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन में चिनूक हेलीकॉप्टर को भी लगाया गया है साथ ही चार हेलीकॉप्टर भी लगाए गए हैं। करीब 3000 यात्री गौरीकुंड से आगे लाये गए हैं।
पीएमओ भी उत्तराखण्ड के हालात पर नज़रें बनाये हुए है। गृहमंत्री अमित शाह ने भी सीएम पुष्कर धामी से फोन पर बातचीत की है। सीएम धामी भी हालत पर नज़र रखे हुए हैं और पल पल की अपडेट ले रहे हैं। एसडीआरफ की टीम मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है। यहां तक कि रेस्क्यू ऑपरेशन में ड्रोन की मदद भी ली जा रही है। सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन का कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से चल रहा है। जो लोग भी जिन स्थानों पर रुके हैं उन्हें निकालने का काम किया जा रहा है।