स्वच्छ भारत अभियान की असली हकीकत शीशम बाड़ा वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट -गरिमा मेहरा दसौनी


स्वच्छ भारत अभियान की असली हकीकत शीशम बाड़ा वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट -गरिमा मेहरा दसौनी

आज शीशम बाड़ा वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट ग्राउंड जीरो का दौरा करने गई उत्तराखंड कांग्रेस की गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी गरिमा मेहरा दसोनी ने विज्ञप्ति के माध्यम से वहां का आंखों देखा हाल बताया। राज्य सरकार पर कटाक्ष करते हुए दसौनी ने कहा की सरकार के नुमाइंदों को कम से कम एक बार प्लांट का दौरा करना चाहिए। दसोनी ने बताया कि 24 करोड़ की लागत से 9 साल में तैयार हुआ शीशम बाड़ा वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का विमोचन 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत द्वारा किया गया था जोकि आज वहां के स्थानीय निवासियों के लिए गले की हड्डी बन गया है। आलम यह है कि प्लांट के 5 किलोमीटर के रेडियस तक असहनीय दुर्गंध है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि उनके बच्चों के शरीर में एलर्जी होने लगी है। प्लांट से जो गंदा पानी निकल रहा है वह आसन नदी को प्रदूषित कर रहा है। सरकार द्वारा स्थानीय जनता को यह आश्वासन दिया गया था की इस वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में साइंटिफिक तरीके से कूड़े का ट्रीटमेंट किया जाएगा और निस्तारण किया जाएगा। इस कूड़े को रिसाइकल किया जाएगा लेकिन दसोनी ने आंखों देखा हाल बताते हुए कहा की ऐसा कुछ उस वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में देखने को नहीं मिला।
दसोनी ने बताया कि हर रोज देहरादून में 350 मेट्रिक टन कूड़ा निकलता है और उसकी रीसाइक्लिंग और ट्रीटमेंट होना बहुत ज़रूरी है। दसौनी ने बताया कि नाम गुप्त रखने की शर्त पर इस इलाके के सभी शैक्षिक संस्थानों ने उन्हें शिकायत करते हुए कहा की उनके संस्थानों में एडमिशन पर बहुत फर्क है यहां आने वाली दुर्गंध से पड़ा है। जिन लोगों ने यहां अपने निवास बनाए हैं उनके तो समझ में नहीं आ रहा है कि वह जाएं तो जाएं कहां ?बदबू और सड़ांध से यह जगह रहने लायक नहीं रही। दसोनी ने कहा की मक्खी मच्छर और तमाम तरह के गंदगी की वजह से यहां लगातार लोगों के बीमार होने का सिलसिला जारी है। स्थानीय निवासियों के बार बार आंदोलन करने की वजह से अब शासन प्रशासन ने दमनकारी नीति अपनाते हुए यहां धारा 144 लगा दी है ।दसोनी ने साशन के इस कदम की निंदा करते हुए कहा की धारा 144 लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी पर चोट है। आखिर सरकार ऐसा काम कर ही क्यों रही है जिसे जनता से ढकना और छुपाना पड़े ।
दसोनी ने बताया कि वहां के स्टाफ से बहुत बहस बाजी के बाद ही वह बमुश्किल मैनेजमेंट प्लांट के अंदर घुस पाई।
यहां के स्थानीय निवासियों ने सरकार और स्थानीय विधायक सहदेव पुंडीर नगर निगम महापौर सुनील उनियाल गामा से दर्जनों बार शिकायत की लेकिन सरकार उदासीन बनी रही ।अब स्थानीय लोगों ने दसोनी को बताया कि उन्होंने दिल्ली के एनजीटी कार्यालय और प्रधानमंत्री कार्यालय के बाहर धरना देने का मन बनाया है। दसोनी ने सरकार की इस घोर लापरवाही की निंदा करते हुए कहा के नाम के बड़े और दर्शन के छोटे कहावत को चरितार्थ उत्तराखंड की प्रचंड बहुमत और डबल इंजन की सरकार ने किया है। जो लोग स्वच्छ भारत और स्वच्छ गंगा की बात करते हैं वह आज जाकर शीशम बाड़ा वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के दर्शन करके आएं तो आइना दिख जाएगा।