उत्तराखंड में केदारनाथ उप चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस ने अपनी कमर कस ली है..दोनों ही दलों ने स्टार प्रचारकों की सूची भी जारी कर दी है जिसमें स्थानीय नेताओं को ही चुनाव प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी दो गई है..लेकिन सूची को देख एक बार फिर कांग्रेसी नेताओं की धड़कन बढ़ गई है क्योंकि सूची में पहला नाम प्रदेश प्रभारी का है जिसका उत्तराखंड कांग्रेस लम्बे समय से इंतजार कर रही है
केदारनाथ उप चुनाव को लेकर कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ही दल अपनी चुनावी रणनीति को अमलीजामा पहनाने में जुट चुके हैं..क्योंकि चुनाव में मतदान के लिए अब मात्र 15 दिन का समय बचा हुआ है..भाजपा और कांग्रेस ने चुनाव प्रचार को धार देने के लिए अपने नेताओं के स्टार प्रचारकों की सूची भी जारी कर दी है..दोनों ही दलों ने स्थानीय चेहरों को मैदान में उतारना उचित समझा है..इसलिए प्रदेश प्रभारी के साथ साथ मंत्री,सांसद,विधायक,पूर्व विधायक और वरिष्ट नेताओं को स्टार प्रचारक बनाया है..लेकिन कांग्रेस के लिए चिंता इस बात की है कि प्रदेश प्रभारी जो उत्तराखंड से दूरी बनाए हुए हैं उनको भी स्टार प्रचारक की सूची में सबसे ऊपर रखा गया है..जबकि पिछले आंकड़ों पर नजर डालें तो चाहे लोकसभा चुनाव हो या फिर पिछले दो उपचुनाव प्रभारी सिर्फ नाम मात्र या मुंह दिखाई के लिए उत्तराखंड आई है..जबकि भाजपा के प्रदेश प्रभारी केदारनाथ तक पहुंच चुके है और पार्टी कार्यकर्ताओं को उत्साहित कर रहे है..ऐसे में अब देखना यह होगा कि केदारनाथ के इस महत्वपूर्ण चुनाव में कांग्रेस के प्रदेश पर भारी उत्तराखंड आती है या नहीं या फिर दिल्ली से ही इस चुनाव को देखने का काम करती है..
वही कांग्रेस की माने तो कांग्रेस के लिए इस उपचुनाव में जो उपयोगी चेहरे हैं और जनता जिस पर भरोसा करती है उन्हें स्टार प्रचारक बनाया गया है इसलिए कांग्रेस को उम्मीद है कि जिस प्रकार से बद्रीनाथ और मंगलौर का उपचुनाव सरकार के नाक के नीचे से छीनने का काम कांग्रेस ने किया है उसी तर्ज पर केदारनाथ का उपचुनाव भी कांग्रेस पार्टी जीतेगी..
वहीँ कांग्रेस प्रदेश प्रभारी को लेकर अब जितने सवाल कांग्रेस के कार्यकर्ता उठा रहे हैं उससे कहीं ज्यादा सवाल बीजेपी खड़े कर रही है.. कांग्रेस प्रदेश प्रभारी का उत्तराखंड ना आना जहां कांग्रेस के लिए निराशाजनक है तो वहीं भाजपा उसको लेकर व्यंग कस रही है..जबकि कांग्रेस के नेता सिर्फ बचाव की मुद्रा में नजर आ रहे हैं और प्रभारी के उत्तराखंड ना आने के लिए राजनीतिक कारण बता रहे हैं..
स्टार प्रचारकों की सूची जारी होने के बाद भले ही भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपने नेताओं को लेकर कॉन्फिडेंट नजर आ रहे हो कि उनके प्रचार प्रसार में पार्टी को जीत हासिल होगी..लेकिन कांग्रेस प्रदेश प्रभारी का न आना कांग्रेस पार्टी के नेताओं को थोड़ा असहज जरूर कर रहा है..ऐसे में अब देखना यही होगा कि क्या कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा इस बार केदारनाथ के उपचुनाव में पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए उत्तराखंड आती है या फिर दिल्ली में बैठकर ही जूम बैठकों से ही चुनाव को लेकर दिशा निर्देश देती है..