देहरादून। बादल फटने से एक बार फिर उत्तराखंड बर्बादी की चपेट में आ गया है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से हालात गंभीर बने हुए हैं। कई जगह मकान और गौशालाएं मलबे में समा गईं, जबकि ढेरों पशु दब गए। कुदरती आपदाओं के लगातार प्रहार से उत्तराखंड पीड़ा झेल रहा है—घर टूट रहे हैं और जिंदगी बेबस हो गई है।
चमोली जिला सबसे अधिक प्रभावित
चमोली जिले के देवाल ब्लॉक के मोपाटा गांव में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि यहां रहने वाले तारा सिंह और उनकी पत्नी लापता हैं, जबकि विक्रम सिंह और उनकी पत्नी घायल हो गए। उनका मकान और गोशाला मलबे में दब गई। यहां 15 से 20 पशुओं के भी दबने की खबर है।
अन्य स्थानों पर भी कहर
टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक के गेंवाली गांव में भी बादल फटने की घटना हुई। हालांकि यहां किसी प्रकार की जनहानि की खबर नहीं है। इसके अलावा लगातार बरसात से कई इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
लोगों में दहशत
गुरुवार देर रात से शुरू हुई तेज बारिश शुक्रवार को भी जारी रही। ग्रामीणों का कहना है कि हर साल इस तरह की प्राकृतिक आपदाएं उनकी जिंदगी और रोज़ी-रोटी पर गहरा संकट खड़ा कर देती हैं।