देहरादून:
उत्तराखंड राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में विभिन्न क्षेत्रों में व्याप्त अंतर को कम करने के लिए अंतर विश्लेषण (गैप एनालिस) पर राजभवन में एम्स ऋषिकेश द्वारा परिचर्चा आयोजित की गई। इस परिचर्चा में विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभाग करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं में विभिन्न क्षेत्रों में अंतर को कम किए जाने हेतु अपने-अपने विचार रखे गए
इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि उत्तराखंड के भौगोलिक परिदृश्य के कारण स्वास्थ्य सुविधाओं को पंहुचाना बेहद चुनौतीपूर्ण है इस तरह की परिचर्चा और मंथन से ही उसके समाधान निकलेंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए एआई और तकनीकी का प्रयोग जरूरी है। राज्यपाल ने कहा कि एम्स दिल्ली में जिस प्रकार से डैशबोर्ड के माध्यम से सभी सुविधाओं की जानकारी तक लोगों की पहुंच को आसान बना दिया है राज्य में भी ऐसे अभिनव प्रयोग जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत और अपनी कार्यबल क्षमता को बढ़ाकर अंतर विश्लेषण को कम किया जा सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि टेलीमेडिसिन, टेली कंसल्टेशन, ड्रोन टेक्नोलॉजी, हैली एंबुलेंस जैसे प्रयास राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए हैं जिसे और अधिक व्यापक स्तर पर किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को भी पूरा करने के लिए विशेष प्रयास किए जाने की जरूरत है। राज्यपाल ने कहा परिचर्चा से जो निष्कर्ष निकलेगा वह हमारी स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक सुदृढ़ और आम आदमी तक उसकी पहुंच को और आसान करेगा। उन्होंने कहा कि इस परिचर्चा के सुझावों को मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और मुख्य सचिव के साथ साझा किया जाएगा