देहरादून
उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान बुधवार को लगातार विरोध और हंगामे के बीच सभी नौ विधेयक पारित कर दिए गए। साथ ही सदन ने 5315 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट भी मंजूर कर दिया। विपक्ष के विरोध के चलते सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी, बावजूद इसके सरकार ने महत्वपूर्ण विधायी कार्य निपटा लिए।
चार दिन के लिए प्रस्तावित यह सत्र केवल डेढ़ दिन में ही संपन्न हो गया। इस दौरान सदन में उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग विधेयक को भी पारित किया गया। इस विधेयक के माध्यम से राज्य में सभी अल्पसंख्यक वर्गों के लिए एक अधिकार प्राप्त निकाय गठित किया जाएगा, जिससे मदरसों को मान्यता देने की प्रक्रिया भी सुगम हो जाएगी।
सत्र के दौरान समान नागरिक संहिता (यूसीसी) संशोधन विधेयक भी पारित हुआ। संशोधित कानून में अब गलत जानकारी देकर लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है।
इसी तरह, सदन में धर्मांतरण निरोधक अधिनियम को और अधिक सख्त स्वरूप में पारित किया गया। जबरन या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने पर अब उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान होगा।
विपक्ष ने पूरे सत्र के दौरान आक्रामक रुख अपनाया। कांग्रेस विधायकों ने लगातार प्रदर्शन और नारेबाजी की, जिससे कार्यवाही बार-बार बाधित होती रही। स्वतंत्र विधायक संजय डोभाल भी विपक्ष के साथ विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए। इस दौरान कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश द्वारा सदन में दस्तावेजों को फाड़कर उछालने की घटना ने माहौल और अधिक तनावपूर्ण बना दिया।