देहरादून:
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अभी तक नगर पालिका, नगर निगम व अन्य निकायों का कार्यकाल पूरा होने के छह माह बीत जाने के बाद भी चुनाव नहीं कराए जाने के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने राज्य सरकार को अवमानना का नोटिस जारी करते हुए अनुपालन रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं. वही नोटिस का 3 सप्ताह में सरकार से जवाब मांगा गया है ।
हाई कोर्ट द्वारा मांगी गई अनुपालन रिपोर्ट और अब मानना नोटिस पर भाजपा का कहना है की न्यायालय के हर प्रश्न का जवाब भारतीय जनता पार्टी की सरकार देती है और हम न्यायालय का सम्मान करने वाले लोग हैं ।भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैंथोला ने कहा की आने वाले समय में निकाय चुनाव बेहतर ढंग से हो उस पर सरकार काम कर रही है और प्रतिबद्ध है । उन्होंने कहा की निकाय चुनाव कराने में हुई देरी के कारण को न्यायालय को अवगत कराने का काम किया जाएगा और जो चीज न्यायालय ने मांगी है उन्हें उससे भी अवगत कराया जायेगा ।
वहीं हाई कोर्ट द्वारा सख्त लहजे में सरकार से मांगी गई रिपोर्ट और अवमानना नोटिस पर कांग्रेस सरकार और भाजपा पार्टी पर तंज कस्ती नजर आ रही है । कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है की भाजपा का लोकतंत्र और संविधान में कोई विश्वास नही हैं हाईकोर्ट द्वारा फटकार लगाने के बाद भी निकाय चुनाव नहीं करवाए गए, यह सीधे तौर पर सरकार द्वारा न्यायपालिका का अपमान है,भाजपा को यह समय चुनाव करवाने में सूटेबल नहीं लग रहा है, क्योंकि भाजपा को पूरा विश्वास है कि उनका इस बार उत्तराखंड में निकाय चुनाव में सूपड़ा साफ होने वाला है इसलिए भाजपा अपने समयानुसार चुनाव करवाना चाहती है जिस कारण हाईकोर्ट के निर्देशों को ताक और रखा जा रहा है