देहरादून : आज कांग्रेस भवन राजपुर रोड देहरादून में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि आई.एम.पी.सी.एल मोहन अल्मोड़ा आयुष मंत्रालय का एकमात्र सरकारी संस्थान है,जो प्राचीन शास्त्रीय विधि से आयुर्वेदिक यूनानी औषधि निर्माण का कार्य करती है उस सरकारी संस्थान को वर्तमान मोदी जी की सरकार अपने पूंजीपति मित्रों को बेचने की हर संभव कोशिश में लगी हुई है,आईएमपीसीएल को रणनीतिक निवेश के तहत सूचीबद्ध किया गया है,और इसकी परिसंपत्तियों का मूल्यांकन चल रहा है, जबकि यह कंपनी लगातार मुनाफे में चल रही है और हजारों कर्मचारियों के परिवार इससे पल रहे हैं, इसके बावजूद कंपनी को बेचने का षड्यंत्र चल रहा है..
वहीँ करन माहरा ने कहा कि कंपनी के कर्मचारियों और स्थानीय हित धारकों ने इस प्रक्रिया का कड़ा विरोध दर्ज कराया है..आई.एम.पी.सी.एल के वर्तमान में एम.डी मुकेश कुमार ने निजीकरण प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए संजय गुप्ता और अन्य निजी संस्थाओं के साथ साथ गांठ की है..आई.एम.पी.सी.एल के निजीकरण को लेकर चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है कि आई.एम.पी.सी.एल के प्रबंध निदेशक मुकेश कुमार भाजपा के बहुत बड़े नेता रामलाल अग्रवाल के भांजे संजय गुप्ता के साथ मिलकर इस साजिश को अंजाम दे रहे हैं वहीँ इसके अलावा मौजूदा भाजपा सरकार भी इस साजिश को सफल बनाने में सहयोग कर रही है..इस संस्थान के निजीकरण प्रक्रिया में संजय गुप्ता की कंपनी एक प्रमुख बोली दाता के रूप में सामने आई है,यही नहीं इसके अलावा संजय गुप्ता लगभग 20 सेल कंपनियों के निदेशक के रूप में काम कर रहे हैं बताया जा रहा है कि इन सेल कंपनियों में बड़े राजनेताओं की हिस्सेदारी है उनका सीधा निवेश इन सेल कंपनियों में है इससे बड़ा संदेह,यह है कि इन सेल कंपनियों का उपयोग संपत्ति को छुपाने और निजीकरण प्रक्रिया में अनियमितता को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है..
कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि आई.एम.पी.सी.एल कर्मचारी संघ लगातार इसका विरोध दर्ज कर रहा है लेकिन इस विरोध को लगातार नजरअंदाज कर कंपनी के निजीकरण की प्रक्रिया धड़ल्ले से चल रही है जो हजारों कर्मचारियों और हमारी प्राचीन आयुर्वेदिक परंपरा के लिए भी बिल्कुल ठीक नहीं है उन्होंने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि आई.एम.पी.सी.एल की निजीकरण प्रक्रिया को तत्काल रोका जाए संजय गुप्ता और उनकी सेल कंपनियों की इसमें क्या भूमिका है इसकी स्वतंत्र रूप से जांच की जाए निजीकरण में शामिल सेल कंपनियों और उनसे जुड़े नेताओं की भूमिका का खुलासा किया जाए वरना हमें आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा..
इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने खाद्यान्न परिवहन बिलों के लंबे समय से भुगतान न होने के मुद्दे को भी प्रमुखता से उठाया और कहा कि कोरोना काल से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गेहूं चावल व दाल के परिवहन बिलों का अभी तक भुगतान नहीं हुआ है,यही नहीं इसके अलावा अन्य खाद्य योजनाओं के बिलों का भुगतान भी लंबे समय से नहीं हो रहा है खाद्य विभाग के अंतर्गत डोर स्टेप डिलीवरी के अंतर्गत जब से यह योजना चली है तब से लेकर आज तक चावल TOA, दाल, नमक ,चावल,MDM सहित कई योजनाओं का परिवहन भुगतान नहीं हो रहा है,खाद्यान्न योजना में बिलों का भुगतान न होने से ठेकेदार और इससे जुड़े हुए अन्य लोग प्रभावित हो रहे हैं जिससे आम जनमानस को भी इन योजनाओं का लाभ मिलने में कठिनाई सामने आ रही है सरकार को तत्काल इन बिलों के भुगतान की व्यवस्था करनी चाहिए..जिससे इन सभी योजनाओं का लाभ आम जनमानस को समय पर मिल सके..