मसूरी:
उत्तराखंड में राज्य आंदोलन के चिन्हित आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का विधेयक पास होने के बाद राज्य आंदोलनकारियों में खुशी की लहर है जिसको लेकर राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा शहीद स्थल पर कार्यक्रम आयोजित किया गया वह इस मौके पर राज्य आंदोलनकारियों ने प्रदेश के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। शहीद स्थल पर राज्य आंदोलनकारी मंच मसूरी की ओर से आयोजित बैठक में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी, जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती व सलाहकार केशव सकलानी को शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया।राज्य आंदोलनकारियों ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल का राज्य आंदोलन के चिन्हित आंदोलनकारियों या उनके आश्रितों को सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण विधेयक को मंजूरी प्रदान देने पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अब गजट नोटिफिकेशन के बाद यह अधिनियम बन जाएगा।इसे 11 अगस्त 2004 से लागू माना जाएगा। साथ ही 11 अगस्त 2004 और उसके बाद राज्य सरकार द्वारा जारी शासनादेश के अंतर्गत विभिन्न राज्याधीन सेवाओं व पदों पर चयनित राज्य आंदोलनकारियों की नियुक्ति अवैध मानी जाएगी।
प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन नेगी,महामंत्री प्रदीप कुकरेती, शूरवीर सिंह भंडारी और विजय रमोला ने कहा कि आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई। आज जीत का दिन है। यह राज्य आंदोलनकारियों के संघर्ष का परिणाम हैं। इस से करीब 10 हजार राज्य आंदोलनकारी परिवारों को लाभ मिलेगा। उन्होने कहा कि 11 वर्षों से संघर्षरत थे। कई बार शासन में भी इस संबंध में वार्ता की। उम्मीद थी कि एक दिन जरूर मांग पूरी होगी। आज अधिनियम हस्ताक्षर होने पर मुख्यमंत्री, राज्यपाल ने राज्य आंदोलनकारी स्वजन की मांग का पूरी हो गई है जिससे सभी राज्य आंदोलकारी काफी खुष है उन्होने कहा कि लंबे समय से सड़कों पर उतरकर और आंदोलन करने के बाद आंदोलनकारी की जीत हुई है। भू-कानून व आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण मामले में भी उनकी जीत होगी। वहीं कहा कि आने वाले समय में राज्य हितो से जुडे मुददे जिसमें चिन्हीकरण, भूकानून, मूल निवास, समान पेंशन आदि के लिये भी लडाई लडी जायेगी। इस मौके पर उन्होंने प्रवर समिति के अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल व समिति के सदस्य मंत्री सुबोध उनियाल, सौरभ बहुगुणा, भुवन कापड़ी, विनोद चमोली का भी आभार व्यक्त किया।